प्रेम की पटरी

 प्रेम

वाह! कितना पावन शब्द है- 'प्रेम'।

इस पावन शब्द का विस्तार भी अति अपार है। इस दुनिया मे प्रेम सदा से ही कायम रहा है और जब तक दुनिया है तब तक के लिए तो कायम ही रहेगा। लेकिन हां, प्रेम रूप बदलता रहा है और शायद बदलता ही रहेगा। 

Mahesh kumar haryanvi


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