महेश कुमार हरियाणवी की कविता

रामत्ववाणी


पावन नाम को पावन गाएँ
मिल-मिल कर सब ही दोहराएँ।
कर्मों की जग करता पूजा
राम नाम हैं जीवन दूजा।।    

जगत ने देखे कर्म तुम्हारे
निर्बल दुख के बनते सहारे
राम-राम श्रीराम-राम श्री,
राम-राम ही मनवा गा रे।।..


मतदान


बढ़चढ़ कर मतदान करो तुम,
अवसर का सम्मान करो तुम।
कीमत अपनी भूल न जाना,
चुनकर लाएँ नया तराना।




यहाँ जनता सबसे महान।
मतदान मतदान मतदान।।



महँगी मिशाल:

वर्तमान परिस्थितियों को मध्यनजर रखते हुए, रचित कविता: महँगी मिशाल।


सुर में ना ताल है,
वन में ना छाल है,
गैस नहीं जल रही
बिगड़ा-सा हाल है।

Mahesh kumar Haryanvi

भारत टाइम्स में प्रकाशित

महेश कुमार जी द्वारा रचित इस बेहतरीन रचना का भारत टाइम्स के साथ-साथ स्वर्णिम स्टार अखबार, साहित्य रचना व अन्य में सफल प्रकाशन हुआ।

Mahesh kumar Haryanvi

स्वर्णिम स्टार अखबार




महेश कुमार, हरियाणा के एक बहुत ही शांत, पुराने तथा कृषि प्रधान जिला महेंद्रगढ़ के रहने वाले है। 
इनकी कलम अकसर मानवीय चेतना तथा सवेंदनाओं पर चलना अत्यधिक पसंद करती हैं। 

कवि महेश कुमार (हरियाणवी)





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मन का डर

महेश कुमार हरियाणवी का संचालन