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NEW-BHAJAN-LYRICS

NEW-BHAJAN-LYRICS निरंकार भजन: ( उजियारा है रब ) © मैंने जब जब तुम्हें पुकारा हैं संकट सब मिटा हमारा हैं। प्रभु उनकी लाज बचा लेंगे ईश्वर का जिन्हें सहारा है। उजला सा उजियारा हैं रब उजला सा उजियारा हैं।। 1) नाम जपन का यत्न करो गर कृपा तुमको मिल जायेगी। तिनका तक का खर्च किए बिन सन्तुष्टि दिल हर जायेगी। पाप धुले इस आत्मा का जब मिल जाता छुटकारा है। प्रभु उनकी लाज बचा लेंगे ईश्वर का जिन्हें सहारा है।। उजला सा उजियारा हैं रब उजला सा उजियारा हैं।। 2) परमपिता की भक्ति में प्यारे आनंदमयी सुख पाएगा। अवसाद मिटेगा जीवन का पुष्पित बन के लहराएगा। दयानिधि उमगन के स्वामी भक्ति ही लक्ष्य हमारा है। प्रभु उनकी लाज बचा लेंगे ईश्वर का जिन्हें सहारा है।। उजला सा उजियारा हैं रब उजला सा उजियारा हैं।। 3) जन्म जन्म का फिरण जगत में स्वरूप बदलता जाता है। खड़ा बुलाए काल का घेरा न जीव कोई बच पाता है। भवसागर है गहरा सागर रब आप ही तारणहारा है। प्रभु उनकी लाज बचा लेंगे ईश्वर का जिन्हें सहारा है।। उजला सा उजियारा हैं रब उजला सा उजियारा हैं।। उजला सा उजियारा हैं रब उजला सा उजियारा हैं।।.. कवि:  महेश कुमार हरियाणवी झू...

Mahesh-Kumar-Haryanvi-Ke-Bhajan

Mahesh-Kumar-Haryanvi-Ke-Bhajan कृष्ण भजन  © तुम्हें नित नए रंग में पूजें सब रूप रूप से निराले। ओह! गिरधर मुरली वाले ओह गिरधर मुरली वाले। तेज ने तेरे विश्व हिलाया देव, गुरु, जन देख रहे थे। हरि से मिलने हर घर आए रसा रत्न रस बरस रहे थे। रहे ममता के मतवाले। ओह गिरधर मुरली वाले। माखन खाकर मायाकर ने कितनों की लाज बचाई थी। प्रेम तत्व से तृप्त किया फिर हार को जीत बनाई थी। संगीत पे जगत नचाले। ओह गिरधर मुरली वाले। प्रीत में पावन मन भावन आभा आपकी आप निराली चाल-चलन की बात बताऊँ पग-पग पर बिखरी हरयाली। खिले प्रेम के रूप निराले ओह गिरधर मुरली वाले। बीच समंदर जा के अंदर। द्वारका नगरी बसाई थी। मथुरा को खुशहाल किया वो, रघुवर की करुणाई थी। खुद शांति आप सँभाले। ओह गिरधर मुरली वाले। इतिहासों के पन्ने बोलें महाभारत जैसी सीख कहाँ मैदा की धर्म विजय गाथा दे गीता का उपदेश जहाँ। रहे रथ की डोर सँभाले ओह गिरधर मुरली वाले।। तुम्हें नित नए रंग में पूजें सब रूप रूप से निराले। ओह! गिरधर मुरली वाले ओह गिरधर मुरली वाले।। युवा कवि: महेश कुमार हरियाणवी झूक, महेन्द्रगढ़, 123029 9015916317 *** पाप की कमाई  © नफरत क...

Mahesh Kumar Haryanvi की रचनाएं

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महेश कुमार हरियाणवी की प्रकाशित रचनाएँ: हरियाणा साहित्य में प्रकाशित: मन का भय भारत की बात में प्रकाशित: डर पे जीत (8 मार्च 2025)

मन का डर

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मन में उपस्थित भय के भाव पर आधारित एक रचनात्मक कविता: डरने वाले इस दुनिया में, डर के क्या कुछ पाएगा। आसमान है खुला मगर, उड़ने वाला उड़ पाएगा। औजार सभी हैं दुनिया में, पथ ये धुँधला जाते हैं। जिसने कदम बढ़ाया आगे, राह वही बढ़ पाते हैं।। नया पुराना भेद बताना, बदल रहा रंग-रूप ज़माना। तेरा सपना तेरा बहाना, मंज़िल तेरी तेरा ठिकाना। जोखिम में मेहनत होगी पर, रिस्क में आनंद आएगा। आसमान है खुला मगर, उड़ने वाला उड़ पाएगा।। तेरी सोच में पुष्प समाए, जो तू चाहे वो मिल जाए। उम्मीदों के पँख लगे हैं, रोकने वाला रोक न पाए। अंदाज तेरा तुझसे प्यारे, झिझका तो मर जाएगा। आसमान है खुला मगर, उड़ने वाला उड़ पाएगा।। सन्नाटों से डर मत जाना, धुँध में धुलकर ख़ौफ़ न खाना नजरों की एक सीमा है, तुमको सीमा पार है जाना। जैसे-जैसे धूप खिलेगी, बादल खुद छट जाएगा। आसमान है खुला मगर, उड़ने वाला उड़ पाएगा।। काली काली छाई घटाएँ, अंबर की है अलग अदाएँ। बारिश भी गिरने को आई, धरती पे छपती परछाईं। ये सब मौसम के हैं नज़ारे, इन से ना बच पाएगा। आसमान है खुला मगर, उड़ने वाला उड़ पाएगा।। डरने वाले इस दुनिया में, डर के क्या कुछ पाएगा। आसमान है खुला मगर, उ...

महेश कुमार हरियाणवी का संचालन

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हरियाणा दर्शन के उपलक्ष्य में आयोजित काव्य सम्मेलन में संचालन का आनंद लेते हुए युवा कवि महेश कुमार हरियाणवी जी: संचालक: कवि महेश कुमार हरियाणवी जी। #संचालन #काव्यपाठ #युवाकवि #कविमहेशकुमार #MaheshKumarHaryanvi                                     ***

महेश कुमार हरियाणवी की कविता

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रामत्ववाणी पावन नाम को पावन गाएँ मिल-मिल कर सब ही दोहराएँ। कर्मों की जग करता पूजा राम नाम हैं जीवन दूजा।।     जगत ने देखे कर्म तुम्हारे निर्बल दुख के बनते सहारे राम-राम श्रीराम-राम श्री, राम-राम ही मनवा गा रे।।.. मतदान बढ़चढ़ कर मतदान करो तुम, अवसर का सम्मान करो तुम। कीमत अपनी भूल न जाना, चुनकर लाएँ नया तराना। यहाँ जनता सबसे महान। मतदान मतदान मतदान।। महँगी मिशाल: वर्तमान परिस्थितियों को मध्यनजर रखते हुए, रचित कविता: महँगी मिशाल। सुर में ना ताल है, वन में ना छाल है, गैस नहीं जल रही बिगड़ा-सा हाल है। भारत टाइम्स में प्रकाशित महेश कुमार जी द्वारा रचित इस बेहतरीन रचना का भारत टाइम्स के साथ-साथ स्वर्णिम स्टार अखबार, साहित्य रचना व अन्य में सफल प्रकाशन हुआ। स्वर्णिम स्टार अखबार परिचय:   परिचय पढ़ें महेश कुमार, हरियाणा के एक बहुत ही शांत, पुराने तथा कृषि प्रधान जिला महेंद्रगढ़ के रहने वाले है।  इनकी कलम अकसर मानवीय चेतना तथा सवेंदनाओं पर चलना अत्यधिक पसंद करती हैं।  कवि महेश कुमार (हरियाणवी)

दूरियों की जुबान

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जब लंबी दूरियों के बाद मिलने का वक्त नजदीक हो तब दिल में उमड़ने वाली आवाज क्या हो सकती हैं?  ये किसी भी प्रकार की हो सकती है जैसे कि: परिवार से, दोस्तों से, रिश्तेदार से या ऐसे व्यक्ति से जो दिल के बहुत पास हो। कवि महेश कुमार कवि M K Yadav दूरियों पर कविता प्रेम पर कविता अपनों पर कविता Latest kavita Poetry status                                 💐💐💐💐

प्रणाम

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प्रेम की पटरी

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  प्रेम वाह! कितना पावन शब्द है- ' प्रेम '। इस पावन शब्द का विस्तार भी अति अपार है। इस दुनिया मे प्रेम सदा से ही कायम रहा है और जब तक दुनिया है तब तक के लिए तो कायम ही रहेगा। लेकिन हां, प्रेम रूप बदलता रहा है और शायद बदलता ही रहेगा। 

पैसों की भीड़

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 भूमिका:

प्यारा सा दोहा

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एक प्यारा सा दोहा: भूमिका:  यह दोहा स्पष्ट रूप से, भागदौड़ भरे इस जीवन में कमजोर पड़ते मानवीय रिश्तों पर आधारित हैं। कवि महेेेश कुमार (हरियाणवी) अपनों का सम्मान हूँ, सपनों का अरमान। उनकी मुझमें हैं बसी, मेरी उनमें जान।। महेेेश कुमार (हरियाणवी) #हिंदीकविता #HindiPoem #maheshkumarharyanvi 🎑🎑🎑