प्यारा सा दोहा
एक प्यारा सा दोहा:
भूमिका:
यह दोहा स्पष्ट रूप से, भागदौड़ भरे इस जीवन में कमजोर पड़ते मानवीय रिश्तों पर आधारित हैं।

अपनों का सम्मान हूँ, सपनों का अरमान।
उनकी मुझमें हैं बसी, मेरी उनमें जान।।
महेेेश कुमार (हरियाणवी)
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🎑विचारों की कमान🌷एकता महान🌷